अधिकतर मनुष्य अनजाने में ऐसा निर्माण कार्य करा देते है, जिससे घर में वास्तु त्रुटियां रह जाती है | तमाम एहतियात के बावजूद कई बार घर में बिना वजह के तनाव व लड़ाई-झगड़ा बना रहता है | आपसी रिश्तों में कड़वाहट और उदासीनता-सी रहती है | ऐसे में वास्तु शास्त्र से अनजान लोग वास्तु दोष से पीडि़त होने लगते है | मकान में बिना तोड़-फोड़ किये कुछ ऐसे उपाय बता रहा हूं | जिससे आपके घर में वास्तु दोषों का प्रभाव बहुत हदतक कम पड़ जायेगा |
मुख्य द्वार के लिए
आपके घर का मुख्य द्वार यदि उत्तर-पश्चिम कोण में बना है तो आप दरवाजे के दोनों तरफ ओम, स्वास्तिक और त्रिशूल लगा दें | इसके साथ दरवाजे के बाहर पिरामिड लगा दें, ऐसा करने से गलत दिशा में मुख्य द्वार होने से उतपन्न वास्तु दोष समाप्त हो जायेगा |
किचन के लिए
यदि आपकी रसोई के गेट के ठीक सामने बाथरूम का गेट हो तो यह नकारात्मक ऊर्जा देगा | इस दोष से बचने के लिए बाथरूम तथा रसोई के बीच में एक कपड़े का पर्दा या किसी अन्य प्रकार का पार्टीशन खड़ा कर सकते हैं | ताकि रसोई से बाथरूम दिखाई न दे।
टॉयलेट और बाथरूम के लिए
उत्तर पूर्व दिशा भगवान की दिशा होने के कारण इस दिशा में टॉयलेट कभी नहीं होना चाहिए | यदि आपके घर में ऐसा है तो उसके अंदर एक कटोरी में समुद्री नमक डालकर रख दें | इसे आप हर 20 दिन में बदलते रहिए, साथ ही टॉयलेट की बड़ी दीवार पर एक आईना लगा दें |
प्रवेश द्वार के लिए
आपके घर का प्रवेश द्वार यदि दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में हो तो उसके दोनों तरफ ओम, पिरामिड और स्वास्तिक लगाए | अगर आप ऐसा नहीं करते है तो पांच-सात लकड़ी वाला विंड चाइम भी लटका सकते है |
पेड़ के लिए
घर के आसपास नैत्रत्य कोण या आग्नेय कोण में कोई पेड़ नहीं होना चाहिए | इस स्थिति में आपको रोज शाम को उसके पास आटे का दीपक या अगरबत्ती जलाना चाहिए |
टूटी-फूटी जगह के लिए
यदि घर के दरवाजे व खिड़कियां खुलने व बंद होने पर आवाज करते हैं तो उनकी आवश्यक मरम्मत करवाएं। प्लास्टर आदि उखड़ गया हो तो उसकी तत्काल मरम्मत करवा दें।
जल स्त्रोत के लिए
यदि ईशान में बोरिंग या अण्डर ग्राउंड टैंक आदि न बनवा सके हों तो ईशान में एक सादा जल लगवा कर दोष का निवारण कर सकते हैं | वरना इससे महिला या बच्चे को शारीरिक तकलीफ हो सकती है | इसलिए इसे रोकने के लिए घर में जल स्त्रोत के पास फिटकरी का टुकड़ा रख दें |